ॐ जय गंगे माता, मैया जय गंगे माता। जो नर तुमको ध्याता, मनवांछित फल पाता। ॐ जय गंगे माता, मैया जय गंगे माता। चंद्र सी ज्योति तुम्हारी, जल निर्मल आ…
Read moreॐ जय सरस्वती माता, जय जय सरस्वती माता सदगुण वैभव शालिनी, सदगुण वैभव शालिनी त्रिभुवन विख्याता, जय जय सरस्वती माता ॐ जय सरस्वती माता, जय जय सरस्वती म…
Read moreश्री बाँकेबिहारी तेरी आरती गाऊँ। कुन्जबिहारी तेरी आरती गाऊँ। श्री श्यामसुन्दर तेरी आरती गाऊँ। श्री बाँकेबिहारी तेरी आरती गाऊँ॥ मोर मुकुट प्रभु शीश पे…
Read moreॐ जय जगदीश हरे, स्वामी! जय जगदीश हरे। भक्तजनों के संकट क्षण में दूर करे॥ ॐ जय जगदीश हरे॥ जो ध्यावै फल पावै, दुख बिनसे मन का। सुख-संपत्ति घर आवै, कष…
Read moreजय सन्तोषी माता, मैया जय सन्तोषी माता। अपने सेवक जन की सुख सम्पति दाता ।। जय सन्तोषी माता.... सुन्दर चीर सुनहरी मां धारण कीन्हो। हीरा पन्ना दमके तन…
Read moreआरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।। जाके बल से गिरिवर कांपे। रोग दोष जाके निकट न झांके।। अंजनि पुत्र महाबलदायी। संतान के प्रभु सदा स…
Read moreआरती कुंजबिहारी की, गिरिधर कृष्ण मुरारी की । गले में बैजन्तीमाला, बजावैं मुरली मधुर बाला ॥ श्रवण में कुंडल झलकाता, नंद के आनंद नन्दलाला की । आरती क…
Read more॥ दोहा ॥ जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान । कहत अयोध्यादास तुम, देहु अभय वरदान ॥ ॥ चौपाई ॥ जय गिरिजा पति दीन दयाला । सदा करत सन्तन प्रतिपाला ॥ भ…
Read moreॐ जय पार्वती माता मैया जय पार्वती माता ब्रह्म सनातन देवी शुभ फल की दाता ॐ जय पार्वती माता ॐ जय पार्वती माता मैया जय पार्वती माता ब्रह्म सनातन देवी शु…
Read moreजय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती माता। सदगुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता॥ ॥ जय सरस्वती माता...॥ चन्द्रवदनि पद्मासिनि, द्युति मंगलकारी। सोहे शुभ …
Read moreअम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली l तेरे ही गुण गायें भारती, ओ मैया हम सब उतारें तेरी आरती ll तेरे भक्त जनों पे माता, भीर पड़ी है भारी l…
Read moreॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता तुम को निस दिन सेवत, मैयाजी को निस दिन सेवत हर विष्णु विधाता . ॐ जय लक्ष्मी माता .. उमा रमा ब्रह्माणी, तुम ही…
Read moreजय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा । माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥ एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी । माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी ॥ जय गणेश जय गणेश…
Read more" दोहा " श्रीगुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि। बरनऊं रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि।। बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार। बल…
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